नवरात्रि पूजा क्या है, क्यों कि जाती है ?
हमारे पर्व हमारी संस्कृती व सभ्यता की पहचान है, सभी त्यौहार मानवता के लिए कोई ना कोई सन्देश ले कर आते हैं, हमारे देश में वर्ष भर में अनेकों त्यौहार होते हैं और उन्हें मनाने की अपनी एक विधि होती है, नवरात्रि और विजय दसमी उन्ही त्योहारों में से एक त्यौहार है जिसके बारे में हम अभी चर्चा करेंगे !
नवरात्रि और विजय दसमी भारत का एक बहुत ही प्रमुख त्यौहार है जिसे पूरे भारतवर्ष में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है, विजय दसमी प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष, दशमी तिथी को मनाया जाता है | यह त्यौहार असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय का स्मरण कराता है,
नवरात्री नौ दिनों का एक बड़ा त्यौहार है जिसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, नवरात्री एक संस्कृत शब्द है जिसमें 'नव' का अर्थ होता है नौ तथा 'रात्रि, का अर्थ होता है रात जिसका अर्थ है नौ रातों तक हर रात को माँ दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करना, यह एक ऐसा त्यौहार है जो भारत के कोने कोने में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष, प्रथम दिन से सुरु होकर नवमी तिथि तक नवरात्रि पूजन के बाद हम दसवें दिन विजय दसमी का त्यौहार मनाते हैं,
नवरात्री में हम नौ दिनों तक माँ दुर्गा के विभिन्न नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं,
एक पौराणिक मान्यता यह है की एक राक्षस था महिषासुर, जिसने भगवान शिव की कठोर उपासना कर के वरदान स्वरुप कुछ शक्तियां मांग ली थी, इन्हीं शक्तियों की वजह से स्वयं शिव भी उन्हें मारने में असक्षम हो गए, महिषासुर ने चारों तरफ आतंक फैला रखा था और सभी देवताओं को भयभीत कर रखा था, सभी देवता उनसे परेशान थे, इसलिए सभी देवता भगवान् ब्रम्हा, विष्णु, और महेश के पास गये और महिशासुर से मुक्ति की कामना की, तब सभी देवताओं तथा ब्रम्हा, विष्णु, और महेश के आवाहन पर मां आदिसक्ति का अवतरण मां 'दुर्गा' के रूप में हुआ और उन्होने महिषासुर का वध कर संसार को भय मुक्त किया, माँ दुर्गा के अनेक नाम है इसमें से इनका एक नाम शक्ति भी है,
माँ दुर्गा का अवतरण महिषासुर के वध हेतु ही हुआ था और माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर देवताओं सहित सारी सृष्टि को महिषासुर के आतंक से मुक्त किया, तब से लेकर आज तक माँ दुर्गा की पूजा, नवरात्री के रूप में प्रचलित है !!
विजय दसमी का यह त्यौहार अच्छाई की बुराई पर, सत्य की असत्य पर विजय का प्रतिक है, यह हमें सन्देश देता है की बुरा व्यक्ति चाहे कितना भी बलवान व प्रभावशाली क्यों ना हो उनका अंत सुनिश्चित है, मृत्यु पर विजय पाने वाले रावन का अंत कर भगवान श्री राम ने असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त की,
कैसे मनाई जाती है नवरात्री ?
नवरात्री में पुरे नौ दिन माँ दुर्गा की पूजा व अर्चना पुरे श्रधा के साथ होती है, प्रत्येक दिन जगराता रखा जाता है, लोग नौ दिन उपवास करते हैं और पूरी श्रधा से माँ दुर्गा की पूजा करते हैं, विजयदशमी त्यौहार से कई दिन पूर्व इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है, देश भर में जगह जगह रामलीला का आयोजन होता है, रामलीला में श्री राम के जीवन प्रसंगों का प्रदर्शन होता है, लोग बड़ी ही श्रधा व विस्वास से रामलीला को देखते हैं, रामलीला के माध्यम से हम भगवान श्री राम के आदर्शों और चरित्र के दर्शन कर पाते हैं, और सभी लोग एक दुसरे को नवरात्री की शुभकामनाऐं और मुबारकवाद देते हैं अगर आपको भी अपने मित्रों और रिश्तेदारों को नवरात्री की डिजिटल ग्रिटीन्स भेजनी है तो Share बटन पर क्लिक कीजिये !!
हमारे पर्व हमारी संस्कृती व सभ्यता की पहचान है, सभी त्यौहार मानवता के लिए कोई ना कोई सन्देश ले कर आते हैं, हमारे देश में वर्ष भर में अनेकों त्यौहार होते हैं और उन्हें मनाने की अपनी एक विधि होती है, नवरात्रि और विजय दसमी उन्ही त्योहारों में से एक त्यौहार है जिसके बारे में हम अभी चर्चा करेंगे !
🕉🌻🌻🌻🌻🌻🌻🕉🌻🌻🌻🌻🌻🌻🕉
नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल में सुंदर डिज़ाइन वाले ग्रीटिंग्स को सिर्फ आपके लिए डाल रहा हूँ, इस त्योहार को क्यों मनाते हैं संक्षेप में इस लेेेख से समझ सकते हैं तथा अपने दोस्तों और परिवार के सभी सदस्यों को बड़ी ही आसानी से ग्रीटिंग्स में अपना नाम लिखकर सेंड कर सकते हैं, ग्रीटिंग्स भेजने के लिए Share बटन पर क्लिक कीजिए,
अपने पसंद वाले त्यौहार जैसे शुभ दिपावली, होली, नवरात्र, स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन, ईद मुबारक, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, शुभ प्रात और शुभ शंध्या आदी जैसे त्योहारों के सुंदर ग्रीटिंग्स अपने दोस्तों को शेयर करने के लिए निचे ग्रीन कलर के festival99.epizy.com पर क्लिक किजिए,
नवरात्री नौ दिनों का एक बड़ा त्यौहार है जिसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, नवरात्री एक संस्कृत शब्द है जिसमें 'नव' का अर्थ होता है नौ तथा 'रात्रि, का अर्थ होता है रात जिसका अर्थ है नौ रातों तक हर रात को माँ दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करना, यह एक ऐसा त्यौहार है जो भारत के कोने कोने में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष, प्रथम दिन से सुरु होकर नवमी तिथि तक नवरात्रि पूजन के बाद हम दसवें दिन विजय दसमी का त्यौहार मनाते हैं,
नवरात्री में हम नौ दिनों तक माँ दुर्गा के विभिन्न नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं,
- शैलपुत्री - नव दुर्गा का प्रथम रूप है शैलपुत्री, शैलपुत्री का अर्थ है शिखर, पर्वत की चोटी,
- ब्रम्ह्चारिणी - नव दुर्गा के दुसरे रूप का नाम है माँ ब्रम्ह्चारिणी, जिसका अर्थ है सम्पूर्ण ब्रम्हचर्य,
- चंद्रघंटा - नव दुर्गा के तीसरे रूप का नाम है चंद्रघंटा, इनके मस्तक में घंटे के आकर का अर्ध चन्द्र है,
- कूष्मांडा - नव दुर्गा के चौथे रूप का नाम है कूष्मांडा, इसका अर्थ है ब्रम्हांड को उत्पन्न करने वाली देवी,
- स्कंदमाता - नव दुर्गा के पांचवे रूप का नाम है स्कंदमाता, स्कन्द कुमार कार्तिकेय का नाम है, कार्तिकेय के माता होने के कारण माँ दुर्गा का नाम स्कंदमाता पड़ा,
- कात्यायनी - नव दुर्गा के छठे रूप का नाम है कात्यायनी, महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण उनका नाम कात्यायनी के रूप में प्रसिद्ध हुई,
- कालरात्रि - नव दुर्गा के सातवें रूप का नाम है कालरात्रि, मनुष्य के जीवन के अंधेरों को नाश करने वाली,
- महागौरी - नव दुर्गा के आठवें रूप का नाम है महागौरी, अपने भक्तों के सभी क्लेश को दूर करने वाली,
- सिधिदात्री - नव दुर्गा के नौवें रूप का नाम है सिधिदात्री, अपने भक्तों को सभी प्रकार के सिद्धियों को प्रदान करने वाली,
हम क्यों मनाते हैं नवरात्री के उपरांत विजय दसमी का त्यौहार ?
भगवान श्री राम लंका में रावण का वध करने से पहले माँ दुर्गा का आवाहन और पूजन कर शक्ति प्राप्त किए थे, तब रावन का वद्ध कर उसपर विजयी प्राप्त की थी, तब से हम अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में भगवान राम की इस विजय स्मृती को विजय दसमी के पर्व के रूप में मानते चले आ रहे हैं,एक पौराणिक मान्यता यह है की एक राक्षस था महिषासुर, जिसने भगवान शिव की कठोर उपासना कर के वरदान स्वरुप कुछ शक्तियां मांग ली थी, इन्हीं शक्तियों की वजह से स्वयं शिव भी उन्हें मारने में असक्षम हो गए, महिषासुर ने चारों तरफ आतंक फैला रखा था और सभी देवताओं को भयभीत कर रखा था, सभी देवता उनसे परेशान थे, इसलिए सभी देवता भगवान् ब्रम्हा, विष्णु, और महेश के पास गये और महिशासुर से मुक्ति की कामना की, तब सभी देवताओं तथा ब्रम्हा, विष्णु, और महेश के आवाहन पर मां आदिसक्ति का अवतरण मां 'दुर्गा' के रूप में हुआ और उन्होने महिषासुर का वध कर संसार को भय मुक्त किया, माँ दुर्गा के अनेक नाम है इसमें से इनका एक नाम शक्ति भी है,
- Happy Dashahara
- Happy Diwali
- Good Morning, Good Evening, Good Night,
- Happy Ganesh Chaturthi
- Happy Krishna Janmashtami
- Happy Raksha Bandhan
माँ दुर्गा का अवतरण महिषासुर के वध हेतु ही हुआ था और माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर देवताओं सहित सारी सृष्टि को महिषासुर के आतंक से मुक्त किया, तब से लेकर आज तक माँ दुर्गा की पूजा, नवरात्री के रूप में प्रचलित है !!
विजय दसमी का यह त्यौहार अच्छाई की बुराई पर, सत्य की असत्य पर विजय का प्रतिक है, यह हमें सन्देश देता है की बुरा व्यक्ति चाहे कितना भी बलवान व प्रभावशाली क्यों ना हो उनका अंत सुनिश्चित है, मृत्यु पर विजय पाने वाले रावन का अंत कर भगवान श्री राम ने असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त की,
कैसे मनाई जाती है नवरात्री ?
नवरात्री में पुरे नौ दिन माँ दुर्गा की पूजा व अर्चना पुरे श्रधा के साथ होती है, प्रत्येक दिन जगराता रखा जाता है, लोग नौ दिन उपवास करते हैं और पूरी श्रधा से माँ दुर्गा की पूजा करते हैं, विजयदशमी त्यौहार से कई दिन पूर्व इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है, देश भर में जगह जगह रामलीला का आयोजन होता है, रामलीला में श्री राम के जीवन प्रसंगों का प्रदर्शन होता है, लोग बड़ी ही श्रधा व विस्वास से रामलीला को देखते हैं, रामलीला के माध्यम से हम भगवान श्री राम के आदर्शों और चरित्र के दर्शन कर पाते हैं, और सभी लोग एक दुसरे को नवरात्री की शुभकामनाऐं और मुबारकवाद देते हैं अगर आपको भी अपने मित्रों और रिश्तेदारों को नवरात्री की डिजिटल ग्रिटीन्स भेजनी है तो Share बटन पर क्लिक कीजिये !!
Share this Article on Your Social Sites